Wednesday, January 30, 2013

जिन्दगी औ मौत

सूनी निगाहें भीड़ में ....
उस चेहरे को तलाशती है ...औ ....
दिल फूटफूट के रोता है ....
जिन्दगी के रेलमपेल में जब कोई अपना ...
हमेशा के लिए खो जाता है ...सच .....
बड़े मुश्किल भरे दिन होते हैं ....
दुखमय रात  होती है ....
जिन्दगी औ मौत की जंग में जब ......
मौत जीत जाती है .....

8 comments:

  1. सचमुच....
    नियति को स्वीकार करना बड़ा कठिन होता है...
    :-(

    अनु

    ReplyDelete
  2. आपकी यह बेहतरीन रचना शनिवार 02/02/2013 को http://nayi-purani-halchal.blogspot.in पर लिंक की जाएगी. कृपया अवलोकन करे एवं आपके सुझावों को अंकित करें, लिंक में आपका स्वागत है . धन्यवाद!

    ReplyDelete
  3. बेहद मार्मिक रचना..
    जिंदगी है तो मौत है..
    मौत के बाद फिर एक नयी जिंदगी...

    ReplyDelete
  4. बड़े मुश्किल भरे दिन होते हैं ....
    दुखमय रात होती है ....
    जिन्दगी औ मौत की जंग में जब ......
    मौत जीत जाती है .....

    आपने मेरे पिता के खोने के दिनों को जिंदा कर दिया .

    ReplyDelete