Sunday, March 8, 2015

तम से घिरे अमावस में अब

रुख हवाओं ने मोड़ लिया 
मौसम भी है बदल गया 
योग्यतम की अतिजीविता 
का शिकार माँ का लाल हो गया 
स्वाइन फ्लू कहर बनकर 
जिन  की खुशियों पर छा गया 
क्या होली क्या दिवाली 
क्या मायने हैं शेष जीवन के 
उनको ढांढस कौन बँधायेगा ?
तम से घिरे अमावस में अब 
चाँद कहाँ से आएगा ?
                            मन्दसौर के २३ वर्षीय युवा इंजीनियर आशुतोष के असमय निधन पर अश्रुभरी  श्रद्धांजलि ---भगवान उसकी आत्मा को शांति दे और उसके परिवार वालों को दुःख सहने की शक्ति । 

5 comments:

  1. आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल मंगलवार (10-03-2015) को "सपना अधूरा ही रह जायेगा ?" {चर्चा अंक-1913} पर भी होगी।
    --
    सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
    --
    हार्दिक शुभकामनाओं के साथ...
    सादर...!
    डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

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    1. धन्यवाद शास्त्री जी ..

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  2. बेहद दुखद
    भावपूर्ण श्रद्धांजलि

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  3. बहुत दुखद...विनम्र श्रद्धांजलि

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  4. सादर श्रद्धांजलि

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