Monday, October 31, 2011

मुर्गा बोला.....(भाग १)


मुर्गा बोला....
कुकड़ू कुं
झूठ नही सच मानो तुम 
फँसा हुआ था काम में नही मिली 
मुझे छुट्टी .......
छोटी सी इस बात पे 
नही करो तुम कुट्टी .....
गाँव की क्या बात मै तुमको ......
स्विट्जरलैंड ले जाऊंगा ......
दुनिया की हर खुबसूरत जगहों  की 
सैर करवाऊंगा .....
दिखलाऊंगा दिल खोलकर 
मनभावन हसीन नज़ारा......
मुर्गी रानी मान भी जाओ 
तुम बिन मेरा कौन सहारा ?


मुर्गी बोली ..........
ऊँची -ऊँची बातों से दिल मेरा बहलाते हो .....
मीठी -मीठी बातें कर
मुझे चने की झाड़ पे चढाते हो ?
सच क्या है ?झूठ क्या है ?
अंतर करना मैं जानती हूँ .......
लाख छुपाओ मुझसे खुद को पर ! मै ...तुम्हें...........?
अच्छी तरह पहचानती हूँ .....
जीवन की  हर उलझन से मुक्त होकर जहाँ ..........
गीत गए बंजारा ..........
छोटे से  प्यारे से गाँव में 
जाने को तरसरहा है दिल मेरा बेचारा ...

उस प्यारे से गाँव में ....
पीपल की ठंडी छांह में 
जहाँ सखियों की टोली हो .....
कोयल की मीठी बोली हो .....
बारिश का पानी औ कागज की कश्ती हो .....
जहाँ सखियों करती मनमानी हो ......
पद सत्ता औ दिखावे की चाह से ....
दुनियां बेमानी हो .....
नही जाना स्विट्जरलैंड मुझको 
न हीं देखना कोई हसीन नज़ारा ....
मुर्गे राजा मुझको चाहिए 
केवल औ केवल साथ तुम्हारा........


33 comments:

  1. सुंदर रचना अच्छी पोस्ट,बधाई....
    मेरा मुख्य ब्लॉग 'काव्यांजली,देखे,
    वर्ड वेरीफिकेसन हटा ले परेशानी होती है......

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  2. अच्छा ब्लोग !
    अच्छी कविता-जयहो !

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  3. ACHCHHEE BHAWANAA KE SATH LIKHEE BEHATAREEN RACANAA.

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  4. मुर्गी बोली ..........
    ऊँची -ऊँची बातों से दिल मेरा बहलाते हो .....
    मीठी -मीठी बातें कर
    मुझे चने की झाड़ पे चढाते हो ?
    सच क्या है ?झूठ क्या है ?
    अंतर करना मैं जानती हूँ .......
    लाख छुपाओ मुझसे खुद को पर ! मै ......
    अच्छी तरह पहचानती हूँ .....
    जीवन के हर उलझन से मुक्त होकर जहाँ
    गीत गए बंजारा ..........
    छोटे से प्यारे से गाँव में
    bahut hi pyaari

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  5. सुंदर रचना अच्छी पोस्ट,बधाई....

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  6. अति सुन्दर मुर्गे मुर्गी की प्रेम वार्ता के साथ कुछ जिन्दगी के सच भी ,बधाई

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  7. बहुत प्यारी रचना ! मुर्गा मुर्गी के माध्यम से आज के सच को बड़ी खूबसूरती के साथ उकेरा है ! बधाई !

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  8. अति सुन्दर ...जीवन का सच ..

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  9. संदेश परक कवितायें हैं दोनों।
    मेरे 'विद्रोही स्वर'पर आपकी टिप्पणी हेतु धन्यवाद।

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  10. सुन्दर रचना के लिए बधाई

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  11. उस प्यारे से गाँव में ....
    पीपल की ठंडी छांह में
    जहाँ सखियों की टोली हो .....
    कोयल की मीठी बोली हो .....
    बारिश का पानी औ कागज की कश्ती हो .....
    जहाँ सखियों करती मनमानी हो ......
    पद सत्ता औ दिखावे की चाह से ....
    दुनियां बेमानी हो .....
    नही जाना स्विट्जरलैंड मुझको
    न हीं देखना कोई हसीन नज़ारा ....
    मुर्गे राजा मुझको चाहिए
    केवल औ केवल साथ तुम्हारा........

    ati sundar....

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  12. आदरणीया निशा जी जीवन की चाह और यथार्थ , मुक्त रहने की लालसा को को आप ने बड़ी ही सहजता से दर्शाया ..मन अभिभूत हुआ ,बधाई
    भ्रमर ५

    जीवन की हर उलझन से मुक्त होकर जहाँ ..........
    गीत गए बंजारा ..........
    छोटे से प्यारे से गाँव में
    जाने को तरसरहा है दिल मेरा बेचारा ...

    उस प्यारे से गाँव में ....
    पीपल की ठंडी छांह में
    जहाँ सखियों की टोली हो .....
    कोयल की मीठी बोली हो .....
    बारिश का पानी औ कागज की कश्ती हो .....
    जहाँ सखियों करती मनमानी हो ......
    पद सत्ता औ दिखावे की चाह से ....
    दुनियां बेमानी हो .....

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  13. "उस प्यारे से गाँव में ....
    पीपल की ठंडी छांह में
    जहाँ सखियों की टोली हो .....
    कोयल की मीठी बोली हो .....
    बारिश का पानी औ कागज की कश्ती हो ..."

    बहुत ही प्यार और मिठास भरी सुंदर पंक्तियाँ ।

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  14. बहुत सुंदर गंभीर भाव. बधाई.

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  15. निशा जी,..आपका मेरे नई पोस्ट -वजूद-में स्वागत है..

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  16. निशा जी,...आप पोस्ट कमेंट्स से वर्डवेरीफिकेशन हटा ले.टिप्पणी करने में असुविधा होती है....

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  17. बिलकुल नया अंदाज, नया रंग पहली बार पढ़ा ..
    उस प्यारे से गाँव में ....
    पीपल की ठंडी छांह में
    सुन्दर और सार्थक भाव है रचना में
    यक़ीनन अच्छा लगा

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  18. बहुत ही अलग ढ़ँग की बेहतरीन रचना...लाजवाब।

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  19. अच्छी रचना,
    बहुत सुंदर,क्या कहने

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  20. बहुत ही अच्छा लिखा है .बेहतरीन रचना .

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  21. apne hi andaj ki sunder kavita
    badhai
    rachana

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  22. बहुत कुछ पठनीय है यहाँ आपके ब्लॉग पर-. लगता है इस अंजुमन में आना होगा बार बार.। मेरे नए पोस्ट पर आपका स्वागत है । धन्यवाद !

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  23. मुर्गा मुर्गी की अच्‍छी लगी बतकही

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  24. नही जाना स्विट्जरलैंड मुझको
    न हीं देखना कोई हसीन नज़ारा ....

    अगर इतना प्रेम इंसानों में आ जाये तो .....:))

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  25. शुभकामनायें मुर्गी को ...
    :-)

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  26. jeevant rachana hai jo dil ko choo jati hai

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