तनहाई के आलम में दिल बंजारा गाता है ....-----वाह मन की अनकही अनुभूतिबधाई
बहुत सुन्दर प्रस्तुति...!आपको सूचित करते हुए हर्ष हो रहा है कि आपकी इस प्रविष्टि की चर्चा आज शनिवार (25-05-2013) छडो जी, सानु की... वडे लोकां दियां वडी गल्लां....मुख़्तसर सी बात है..... में "मयंक का कोना" पर भी है!सादर...!डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
dhanyavad shastri jee ....
वाह बहुत खूब! बहुत सुंदर ...
बहुत सुन्दर प्रस्तुति...!आभार.
वाह बहुत खूब
वाह लाजवाब रचना, बहुत शुभकामनाएं.रामराम.
तन्हाई के आलम में दिल बंजारा गाता है खुद भी बंजारा होकर -धरती धरती परबत परबत .....गाता जाए बंजारा लेकर दिल का एक तारा ...बढ़िया भाव कनिका .ॐ शान्ति .
बहुत सुंदरक्या बात
गागर में सागर ...बधाई !
बहुत सुंदरएक बार अवश्य देखें- तौलिया और रूमाल
'तन्हाई का दिल से गहरा जो नाता है.....इसीलिए तो दिल झूम-झूम कर गाता है...'बहुत सुंदर!~सादर!!!
bilkul sahi samjha aapne anita jee ....badi khushi hui mujhe ..yahi bat mai kahna chahtithi .....
सचमुच.. खूबसूरत पंक्तियां....
बढ़िया
दिल को छू गई सुप्रभात निःशब्द करती अभिव्यक्ति
thanks to all .....
कुछ नाते जीवन भर एक से रहते हैं ...सिखा जाते हैं प्रेम का मतलब ...
sacchi bat ......dhanyavad naaswa jee .....
बहुत सुन्दर और सार्थक रचना आभार हिन्दी तकनीकी क्षेत्र की अचंम्भित करने वाली जानकारियॉ प्राप्त करने के लिये एक बार अवश्य पधारें टिप्पणी के रूप में मार्गदर्शन प्रदान करने के साथ साथ पर अनुसरण कर अनुग्रहित करें MY BIG GUIDE शीर्ष पोस्टगूगल आर्ट से कीजिये व्हाइट हाउस की सैर अपनी इन्टरनेट स्पीड को कीजिये 100 गुना गूगल फाइबर से मोबाइल नम्बर की पूरी जानकारी केवल 1 सेकेण्ड में ऑनलाइन हिन्दी टाइप सीखें इन्टरनेट से कमाई कैसे करेंइन्टरनेट की स्पीड 10 गुना तक बढाइयेगूगल के कुछ लाजबाब सीक्रेटगूगल ग्लास बनायेगा आपको सुपर स्मार्ट
सुंदर रचना....
खूबसूरत पंक्तियां.
बहुत सुन्दर भावभीनी रचना...
बहुत सुन्दर और सार्थक रचना.
कम लफ्जो में सुंदर और सार्थक रचना , शुभकामनाये
ReplyDeleteतनहाई के आलम में
दिल बंजारा गाता है ....-----
वाह मन की अनकही अनुभूति
बधाई
बहुत सुन्दर प्रस्तुति...!
ReplyDeleteआपको सूचित करते हुए हर्ष हो रहा है कि आपकी इस प्रविष्टि की चर्चा आज शनिवार (25-05-2013) छडो जी, सानु की... वडे लोकां दियां वडी गल्लां....मुख़्तसर सी बात है..... में "मयंक का कोना" पर भी है!
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
dhanyavad shastri jee ....
Deleteवाह बहुत खूब! बहुत सुंदर ...
ReplyDeleteबहुत सुन्दर प्रस्तुति...!आभार.
ReplyDeleteवाह बहुत खूब
ReplyDeleteवाह लाजवाब रचना, बहुत शुभकामनाएं.
ReplyDeleteरामराम.
ReplyDeleteतन्हाई के आलम में दिल बंजारा गाता है खुद भी बंजारा होकर -धरती धरती परबत परबत .....गाता जाए बंजारा लेकर दिल का एक तारा ...बढ़िया भाव कनिका .ॐ शान्ति .
बहुत सुंदर
ReplyDeleteक्या बात
गागर में सागर ...
ReplyDeleteबधाई !
बहुत सुंदर
ReplyDeleteएक बार अवश्य देखें- तौलिया और रूमाल
'तन्हाई का दिल से गहरा जो नाता है.....
ReplyDeleteइसीलिए तो दिल झूम-झूम कर गाता है...'
बहुत सुंदर!
~सादर!!!
bilkul sahi samjha aapne anita jee ....badi khushi hui mujhe ..yahi bat mai kahna chahti
Deletethi .....
सचमुच.. खूबसूरत पंक्तियां....
ReplyDeleteबढ़िया
ReplyDeleteदिल को छू गई सुप्रभात
ReplyDeleteनिःशब्द करती अभिव्यक्ति
thanks to all .....
ReplyDeleteकुछ नाते जीवन भर एक से रहते हैं ...
ReplyDeleteसिखा जाते हैं प्रेम का मतलब ...
sacchi bat ......dhanyavad naaswa jee .....
Deleteबहुत सुन्दर और सार्थक रचना आभार
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सुंदर रचना....
ReplyDeleteखूबसूरत पंक्तियां.
ReplyDeleteबहुत सुन्दर भावभीनी रचना...
ReplyDeleteबहुत सुन्दर और सार्थक रचना.
ReplyDeleteकम लफ्जो में सुंदर और सार्थक रचना , शुभकामनाये
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