Wednesday, September 12, 2012

प्रेम

प्रेम लेने नहीं
देने का नाम है
एक कोमल मृदु
एहसास  और जज्बात है
प्रेमी मित्र बन जाता है जब
प्रेम आत्मिक हो जाता है तब
ऐसे प्रेम के लिए कोई रो नहीं सकता
लाख कोशिश करे जमाना
ये खो नहीं सकता ........

11 comments:

  1. जिंदगी में सच्चे मित्र कोई खोना नहीं चाहता है. -बहुत सुन्दर !

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  2. prem ek gahri anubhooti hai...sundar rachna

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  3. प्रेम लेने नहीं
    देने का नाम है
    एक कोमल मृदु
    एहसास और जज्बात है
    प्रेमी मित्र बन जाता है जब
    प्रेम आत्मिक हो जाता है तब
    ऐसे प्रेम के लिए कोई रो नहीं सकता
    लाख कोशिश करे जमाना
    ये खो नहीं सकता ........

    किस शब्द को कम करियेगा , किस शब्द को विलोपित , प्यार का यही एहसास इसे अजर अमर बना देता है

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  4. लाख कोशिश करे जमाना
    ये खो नहीं सकता ........
    sahi kaha hai ..

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  5. बहुत खूबसूरत भाव

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  6. बहुत ही प्यारी रचना ....

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  7. Nisha ji bahut hi sundar abhivykati badhai ke sath abhar bhi .

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