Friday, October 12, 2012

माँ !मुझको नहीं मारो

   
साजिश सुन घरवालों की
अजन्मी बिटिया करे गुहार
मत मारो मुझे वक्त से पहले 
सुन लो मेरी पुकार ......
 
 
ताना सुनकर भी माँ मुझको
खुद से जुदा न करना
जमीं तुम मेरी बनना  मैं ...
आसमान बन जाउंगी
लू के थपेड़ों में मैं ....
बदली बन छा जाउंगी ...
बेदर्द इंसानों की बातों पर
मत देना तुम ध्यान
वादा करती हूँ ..
बनूँगी तेरी ही पहचान .....
 
जिस बेटे की आस में
करोगी ऐसे निर्मम कर्म
वही बेटे  अपनी ख़ुशी के  खातिर
भेजेंगे तुम्हें वृद्धाश्रम ....
 
माँ काली ,माँ दुर्गा है
माँ शक्ति की शक्ति
आंच आये बिटिया पर तो ......
माँ कुछ भी कर सकती है .....
 
किसी की बातों से
तुम मत होना लाचार
तेरे सारे  सपनों को माँ ..
करुँगी मैं साकार ....
 
मत भूलो मैं भी हूँ
तेरे शरीर का ही अंश
मुझसे भी आगे बढेगा ..
प्यारा तेरा वंश ....
 
जो भी करना हो माँ कर लो ...
हिम्मत नहीं हारो
चहकने दो अपनी गोद में
माँ ....मुझको नहीं मारो ......
माँ ....मुझको नहीं मारो ...
 

14 comments:

  1. बिल्कुल सच है

    जिस बेटे की आस में
    करोगी ऐसे निर्मम कर्म
    वही बेटे अपनी ख़ुशी के खातिर
    भेजेंगे तुम्हें वृद्धाश्रम ....


    बेटी को बचाने की जिम्मेदारी हम सबकी है। सामाजिक चेतना जगाती बहुत सुंदर रचना

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  2. बहुत सुन्दर प्रस्तुति!
    आपकी इस उत्कृष्ट प्रविष्टी की चर्चा कल शनिवार (13-10-2012) के चर्चा मंच पर भी होगी!
    सूचनार्थ!

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  3. bahut sundar rachna.............beti bachane ka abhiyan jari rahe .........

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  4. घर की शान होती हैं ये बेटियां उनसे पूछे कोई कि कितने अकेले हैं जिनके बेटियां नहीं हैं | बधाई ऐसी शानदार पोस्ट हेतु मेरे ब्लॉग पर स्वागत है |

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  5. अजन्मी बेटी की गुहार
    माँ तुम ही सुनो पुकार

    बहुत मर्मस्पर्शी रचना

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  6. जमीं तुम मेरी बनना मैं ...
    आसमान बन जाउंगी
    लू के थपेड़ों में मैं ....
    बदली बन छा जाउंगी ...

    डॉ निशा महाराणा जी इन लाइन में आपने माँ और बेटी के संवाद को जीवंत कर दिया .निःशब्द

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  7. पता नहीं ये पढ़े लिखे लोग कब समझेगे ....

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  8. जिस बेटे की आस में
    करोगी ऐसे निर्मम कर्म
    वही बेटे अपनी ख़ुशी के खातिर
    भेजेंगे तुम्हें वृद्धाश्रम ...

    बेटी बेटिओं में अंतर करना उचित नहीं. सुंदर कविता.

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  9. बेटियों को बचाने माँ को आगे आना होगा ... ये बेटे-बेटी का ताना मारने वाली भी ज़्यादातर महिलाएं हीं हैं ...

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  10. मार्मिक रचना
    .. सुन्दर प्रस्तुती

    बधाई स्वीकारें। आभार !!!

    मेरी पोस्ट पर आपका इंतजार रहेगा
    http://rohitasghorela.blogspot.com/2012/10/blog-post_17.html

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  11. हृदयस्पर्शी मार्मिक अभिव्यक्ति..

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  12. पता नहीं ये पढ़े लिखे लोग कब समझेगे !हृदयस्पर्शी अभिव्यक्ति

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