आपकी यह बेहतरीन रचना बुधवार 31/10/2012 को http://nayi-purani-halchal.blogspot.in पर लिंक की जाएगी. कृपया अवलोकन करे एवं आपके सुझावों को अंकित करें, लिंक में आपका स्वागत है . धन्यवाद!
are waah ye to maine socha hi nahi tha ...par ye bhi ho sakta hai .....thanks .....badi gahree soch hai surendra jee aapki ....jisne mujhe bada prabhawit kiya ...
वाह...
ReplyDeleteबहुत सुन्दर...
अनु
thanks anu jee ..
Deleteबहुत खूब!
ReplyDeletethanks kailash jee ...
DeleteGood Sharad ke chand ki khubsurti ka raj bata diya
ReplyDeletebahut accha vishleshan kiya mittal sahab ....
Deleteअति सुन्दर
ReplyDeletethanks prasad jee...
Deleteबहुत सुन्दर रचना...
ReplyDelete:-)
thanks reena jee ...
Deleteचाँद और चांदनी का प्रभाव हमारी मन:स्थिति पर निर्भर करता है...सुन्दर अति-सुंदर...
ReplyDeletesahi bat sir...
Deleteआपकी यह बेहतरीन रचना बुधवार 31/10/2012 को http://nayi-purani-halchal.blogspot.in पर लिंक की जाएगी. कृपया अवलोकन करे एवं आपके सुझावों को अंकित करें, लिंक में आपका स्वागत है . धन्यवाद!
ReplyDeletedhanyavad yashoda jee ...
Deleteइस प्रश्न का उत्तर दे कौन?
ReplyDeleteहर तरफ़ है उदासी और
एक पसरा हुआ मौन!
वाह ... क्या बात है
ReplyDeletethanks sada jee ...
Deletethanks sangeeta jee ..
ReplyDeleteसुन्दर रचना पूर्णिमा के चाँद जैसी शफ्फाक
ReplyDeleteहंसती हुई चांदनी की ...
ReplyDeleteउदासी का सबब कौन है ?
वाह ...
kya maloom aap hee ho sabab udaasi ka!!!
ReplyDeleteare waah ye to maine socha hi nahi tha ...par ye bhi ho sakta hai .....thanks .....badi gahree soch hai surendra jee aapki ....jisne mujhe bada prabhawit kiya ...
Deleteबहुत खूब ।
ReplyDeleteबहुत सुन्दर...
ReplyDeletedhanyavad madan jee aape motivation ke liye...
ReplyDeleteवाह !! क्या बात है
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