समझ गए मैडम, सब समझ गए..एकदम बढ़िया!
बहुत-बहुत धन्यवाद सर ....
वाह...विचारणीय भाव
वाह......बहुत बढ़िया !!अनु
बहुत सारगर्भित रचना...
कुछ शब्दों में गहरी बात ... बहुत खूब ...
सुंदर ।
कम शब्दों में सारगर्भित रचना।
मन की भावुक अनुभूतिवाह !!! बहुत खूबबधाईआग्रह है --भीतर ही भीतर -------
गागर में सागर .... बहुत गहरी रचना
क्या बात वाह!
bahut hee umdaahttp://raaz-o-niyaaz.blogspot.com/2014/09/blog-post.html
बेहद सुन्दर भाव है। जीवन एक बहुत ही मार्मिक सच जिसे जानते तो सब हैं पर स्वीकार कौन करता है। स्वयं शून्य
बेहतरीन प्रस्तुति मधुजी अनिल
समझ गए मैडम, सब समझ गए..
ReplyDeleteएकदम बढ़िया!
बहुत-बहुत धन्यवाद सर ....
Deleteवाह...विचारणीय भाव
ReplyDeleteवाह......बहुत बढ़िया !!
ReplyDeleteअनु
बहुत सारगर्भित रचना...
ReplyDeleteकुछ शब्दों में गहरी बात ... बहुत खूब ...
ReplyDeleteसुंदर ।
ReplyDeleteकम शब्दों में सारगर्भित रचना।
ReplyDeleteमन की भावुक अनुभूति
ReplyDeleteवाह !!! बहुत खूब
बधाई
आग्रह है --
भीतर ही भीतर -------
गागर में सागर .... बहुत गहरी रचना
ReplyDeleteक्या बात वाह!
ReplyDeletebahut hee umdaa
ReplyDeletehttp://raaz-o-niyaaz.blogspot.com/2014/09/blog-post.html
बेहद सुन्दर भाव है। जीवन एक बहुत ही मार्मिक सच जिसे जानते तो सब हैं पर स्वीकार कौन करता है। स्वयं शून्य
ReplyDeleteबेहतरीन प्रस्तुति मधुजी अनिल
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