Saturday, April 13, 2013

रात मेरे सपने में .....





रात मेरे सपने में 
मेरी दीदी  आई थी 
मेरे दर्द का एहसास ...शायद ...
उसकी रूह को  खींच लाई थी ....

देख ग़मगीन मुझे  .   उसने     .सिर्फ
 इतना हीं कहा ...

जिसे छोड़ चुकी हो क्यों,... उसे..?
 याद करती हो ?
वेबजह क्यों खुद को 
उदास करती हो ...

ऐसा लगा जैसे  
मरुस्थल में मीठे ..
पानी का सोता मिल गया 

रिसते हुए जख्म पर .मानों .
शीतल मरहम लग गया .....

उदासी भरे पल  को 
अतीत  का झरोखा मिल गया 
वर्तमान के  दुःख का बादल ..
खुशियों से ढँक गया ......

दिल को हुआ यकीन ..
दीदी,...... तुम हो यहीं कहीं ..



तुम्हारे  आसपास होने का 
एहसास हीं मन को संबल देता है 
मालूम  है मुझे  कि ....

जीवन पथ पर हर इंसान
 अपने दम पर हीं खड़ा होता है ....
अपने दम  पर हीं खड़ा होता है ......


.


20 comments:


  1. बेहतरीन प्रस्तुति
    पधारें "आँसुओं के मोती"

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  2. धन्यवाद शास्त्री जी .......

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  3. दीदी के प्रति अत्यंत प्रेम का ही नतिजा है कि वह आपके सपने में आकर सलाह मशवीरा कर रही है।

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  4. नवरात्रों की बहुत बहुत शुभकामनाये
    आपके ब्लाग पर बहुत दिनों के बाद आने के लिए माफ़ी चाहता हूँ
    बहुत खूब बेह्तरीन
    आज की मेरी नई रचना आपके विचारो के इंतजार में
    मेरी मांग

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  5. भावपूर्ण बहुत सुन्दर प्रस्तुति
    latest post वासन्ती दुर्गा पूजा
    LATEST POSTसपना और तुम

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  6. जीवन तो स्वयं ही गुजारना होता है ... पर किसी की यादें उसे आसान आकर देती हैं ...

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  7. बहुत ही बेहतरीन भावपूर्ण प्रस्तुति,आभार.

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  8. marmik evam bhavpurn. sundar rachna.

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  9. जो अपने पर विश्वास रखता है उसे सफल होने से रोकना मुश्किल है.

    सुंदर भावपूर्ण कविता. नवसंवत्सर की शुभकामनाएँ.

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  10. apno ka saath to hamesha rahta hai lekin sanghrash path par chalna akele padta hai ...............sundar rachna

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  11. अपनों का एहसास ही हमें जीने का संबल देता है ....

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  12. दिल को छु लेने वाली प्रस्तुति.... बहुत सुंदर

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  13. गहन अनुभूति
    सुंदर रचना
    उत्कृष्ट प्रस्तुति
    बधाई

    आग्रह है मेरे ब्लॉग में भी सम्मलित हों

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  14. लाजवाब रचना |

    कभी यहाँ भी पधारें और लेखन भाने पर अनुसरण अथवा टिपण्णी के रूप में स्नेह प्रकट करने की कृपा करें |
    Tamasha-E-Zindagi
    Tamashaezindagi FB Page

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