lovely ...
बहुत बढ़िया प्रस्तुति!--आपकी पोस्ट की चर्चा आज शनिवार (06-04-2013) के चर्चा मंच पर भी है!सूचनार्थ...सादर!
dhanyavad shastri jee.......
बहुत गहरी और सत्य कहती रचना .....बहुत अच्छी लगी ...
बहुत ही बढ़िया उत्कृष्ट प्रस्तुति,आभार.
आनंदमयी और सार्थक जोड़
badiya
सच कहा है ... बिलकुल होते हैं ...विविध है दुनिया इसी लिए तो कहते हैं ..
सुंदर प्रस्तुति.
thanks to all....
स्वार्थ में छलजीत में हर्षजीवन में संघर्ष .....होते हीं हैं .....jeevan ka sach sarthak rachna
शुक्रिया शुक्रिया शुक्रिया .आपके टिपियाने का बेबसी का यथास्थितिवाद से बंद रास्तों का सुन्दर बयान है यह रचना .स्वीकृति का जीवन को जीने की प्रेरणा है यह रचना .जो है सो है ,अच्छा है जो भी है .
स्वार्थ में छलजीत में हर्षजीवन में संघर्ष .....होते हीं हैं ...जीवन की सच्चाई को बयां करते .....
thanks to all.....
सुंदर हाइकू ।
डॉ. निशा जी छोटी पंक्तियां पर गीत और लय से भरी हुई। लगता है मानो कोई बांसुरी बजा रहा हो और उसको सुन आत्मा भीग रही हो।drvtshinde.blogspot.com
dhanyvad vijay jee ..itni acchhi tippani ke liye .......aise me aisa lagta hai ki likhna sarthak hua ....
बिल्कुल आपके लेखन में ताकत है कोई शक नहीं। और आपको बता दूं जो दिल से लिखता बोलता है दुनिया को पसंद आता ही है।
thanks again ......
lovely ...
ReplyDeleteबहुत बढ़िया प्रस्तुति!
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आपकी पोस्ट की चर्चा आज शनिवार (06-04-2013) के चर्चा मंच पर भी है!
सूचनार्थ...सादर!
dhanyavad shastri jee.......
Deleteबहुत गहरी और सत्य कहती रचना .....
ReplyDeleteबहुत अच्छी लगी ...
बहुत ही बढ़िया उत्कृष्ट प्रस्तुति,आभार.
ReplyDeleteआनंदमयी और सार्थक जोड़
ReplyDeletebadiya
ReplyDeleteसच कहा है ... बिलकुल होते हैं ...
ReplyDeleteविविध है दुनिया इसी लिए तो कहते हैं ..
सुंदर प्रस्तुति.
ReplyDeletethanks to all....
ReplyDeleteस्वार्थ में छल
ReplyDeleteजीत में हर्ष
जीवन में संघर्ष .....होते हीं हैं .....
jeevan ka sach
sarthak rachna
स्वार्थ में छल
ReplyDeleteजीत में हर्ष
जीवन में संघर्ष .....होते हीं हैं .....
jeevan ka sach
sarthak rachna
शुक्रिया शुक्रिया शुक्रिया .आपके टिपियाने का बेबसी का यथास्थितिवाद से बंद रास्तों का सुन्दर बयान है यह रचना .स्वीकृति का जीवन को जीने की प्रेरणा है यह रचना .जो है सो है ,अच्छा है जो भी है .
ReplyDeleteस्वार्थ में छल
ReplyDeleteजीत में हर्ष
जीवन में संघर्ष .....होते हीं हैं ...
जीवन की सच्चाई को बयां करते .....
thanks to all.....
ReplyDeleteसुंदर हाइकू ।
ReplyDeleteडॉ. निशा जी छोटी पंक्तियां पर गीत और लय से भरी हुई। लगता है मानो कोई बांसुरी बजा रहा हो और उसको सुन आत्मा भीग रही हो।
ReplyDeletedrvtshinde.blogspot.com
dhanyvad vijay jee ..itni acchhi tippani ke liye .......aise me aisa lagta hai ki likhna sarthak hua ....
Deleteबिल्कुल आपके लेखन में ताकत है कोई शक नहीं। और आपको बता दूं जो दिल से लिखता बोलता है दुनिया को पसंद आता ही है।
ReplyDeletethanks again ......
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