Monday, September 17, 2012

क्षणिकाएं

स्वार्थ भरे रिश्ते
यूँ ही टूटते
मन अधीर न हो ....


अंतरात्मा की आवाज
मन का विस्तार
है सृजन का संसार ....


बेचैन मन
स्वप्निल संसार
ऊर्जा का भंडार ..

अदृश्य ताकत
समय की पुकार
सृजन -संसार ...

जब हद पार हो जाए तो ?
दर्द दवा बन जाती है
इन्हीं दवाओं के सहारे
जिन्दगी कट जाती है ...

वक्त ने ली अंगराई
बचपन के दिन याद आये
फलक पे जब भी सितारे नज़र आये .....

छीना है वक्त ने
मेरी माँ को मुझसे
वक्त ने ही माँ भी बनाया है मुझको ...

Wednesday, September 12, 2012

प्रेम

प्रेम लेने नहीं
देने का नाम है
एक कोमल मृदु
एहसास  और जज्बात है
प्रेमी मित्र बन जाता है जब
प्रेम आत्मिक हो जाता है तब
ऐसे प्रेम के लिए कोई रो नहीं सकता
लाख कोशिश करे जमाना
ये खो नहीं सकता ........

Friday, August 31, 2012

दिल के रिश्ते

दिल के रिश्ते ........
अनजाने ही जुड़ जाते हैं
खिलना हो फूलों को तो ?????
वो वीरानों में भी खिल जातें हैं
फूल बनना है तो बनो कमल का
जलकुम्भी का नहीं .....
कमल के फूलों से
जल और तालाब की
शोभा बढ़ जाती है
जलकुम्भी के फूलों से
जल और तालाब की
पहचान ही मिट जाती है ....

Saturday, August 11, 2012

वक्त

वक्त के साथ बदलना मैंने सीखा  नहीं
ऐसा नादाँ इन्सान मैंने देखा नहीं .....

वक्त मुझे तुम सताओगे क्या ???????
सजा खुद को दिया मैंने तुम कर  पाओगे क्या??????


 वक्त से सीखा भूलना मुश्किल भरे दिन ....
जीना मैंने सीख लिया  साथी तेरे बिन

वक्त से दोस्ती बालू की भीत
अनजानी  सी राहें पगली सी प्रीत

वक्त के साथ मजबूत होती रही.....
निशा ढलती रही  शमा जलती रही .....

 

Thursday, July 19, 2012

विजेता

बेचैनी ,तनाव ,घबराहट
सृजन -पीड़ा की जान होती है
नया कुछ मिलनेवाला है
इसकी पहचान होती है
ख़ुशी-ख़ुशी जो इन्हें झेल लेता है
आनेवाले पल का वही विजेता कहलाता है .....

Monday, July 9, 2012

गम की गली

 

गम की गली

दर्द भरी

छोड़ चली .........

Thursday, July 5, 2012

क्षणिकाएं


           ( 1)

छोटी सी इक बात पे
रोती हुई आँखें
हँसने लगी ....
      
       (2)
बाबुल का अँगना
महकते रहना 
दुआ करती हूँ ....

    (3)
दिल की दहलीज
सूनी है
कब आओगे ?
   (4)
सुख़ गई
शादाब बेलें
बारिश की अधिकता से ...

   (5)

सुनाया जो दुःख अपना
साँझ ने निशा से
वो शबनम के आँसू
रोती रही .....



(शादाब -हरी -भरी )
.