यूँ ही टूटते
मन अधीर न हो ....
अंतरात्मा की आवाज
मन का विस्तार
है सृजन का संसार ....
बेचैन मन
स्वप्निल संसार
ऊर्जा का भंडार ..
अदृश्य ताकत
समय की पुकार
सृजन -संसार ...
जब हद पार हो जाए तो ?
दर्द दवा बन जाती है
इन्हीं दवाओं के सहारे
जिन्दगी कट जाती है ...
वक्त ने ली अंगराई
बचपन के दिन याद आये
फलक पे जब भी सितारे नज़र आये .....
छीना है वक्त ने
मेरी माँ को मुझसे
वक्त ने ही माँ भी बनाया है मुझको ...