गुरु
शिष्य रूपी गीली मिट्टी को गढ़ कर
बन जाते कुम्हार
गुरु की उसी दिव्यता को
याद करता है संसार......
ज्ञानरूपी भूख मिटाकर
बढ़ाते शिष्य का ज्ञान
अनुर्वर मन - मस्तिष्क को उर्वर
बना बन जाते हैं किसान ....
गुरुरूपी उस शख़्स के आगे
नतमस्तक हो जाते हैं भगवान ....
आप सभी को गुरु पूर्णिमा की बहुत बहुत बधाई और शुभकामनाएं .....
डॉ निशा महाराणा