विहँस रही है रजनी
तारे चमक रहे
रातरानी के सानिध्य में
मौसम गमक रहे
कलियाँ - कलियाँ झूम रही
दिशायें मुस्कुराई
आनंद के रथ पे हो सवार
नाची पुरवाई
आगोश में चाँदनी के
तम दुबक गया
चंदा की नगरी में
सूरज लूट गया।
बहुत दिनों के बाद आख़िरकार मौका निकाल ही लिया .....