Tere bin
Thursday, July 19, 2012
विजेता
बेचैनी ,तनाव ,घबराहट
सृजन -पीड़ा की जान होती है
नया कुछ मिलनेवाला है
इसकी पहचान होती है
ख़ुशी-ख़ुशी जो इन्हें झेल लेता है
आनेवाले पल का वही विजेता कहलाता है .....
Monday, July 9, 2012
गम की गली
गम की गली
दर्द भरी
छोड़ चली .........
Thursday, July 5, 2012
क्षणिकाएं
( 1)
छोटी सी इक बात पे
रोती हुई आँखें
हँसने लगी ....
(2)
बाबुल का अँगना
महकते रहना
दुआ करती हूँ ....
(3)
दिल की दहलीज
सूनी है
कब आओगे ?
(4)
सुख़ गई
शादाब बेलें
बारिश की अधिकता से ...
(5)
सुनाया जो दुःख अपना
साँझ ने निशा से
वो शबनम के आँसू
रोती रही .....
(शादाब -हरी -भरी )
.
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