
Friday, August 31, 2012
Saturday, August 11, 2012
वक्त
ऐसा नादाँ इन्सान मैंने देखा नहीं .....
वक्त मुझे तुम सताओगे क्या ???????
सजा खुद को दिया मैंने तुम कर पाओगे क्या??????
वक्त से सीखा भूलना मुश्किल भरे दिन ....
जीना मैंने सीख लिया साथी तेरे बिन
वक्त से दोस्ती बालू की भीत
अनजानी सी राहें पगली सी प्रीत
वक्त के साथ मजबूत होती रही.....
निशा ढलती रही शमा जलती रही .....
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