
उड़ता जाये
बीते पल को
कौन लौटाए ......
माँ की ममता
पिता का प्यार
बहन और भाई
से तकरार .....
यादें याद आती हैं
उन गलियों में
ले जाती है .....
क्यों हो मन
इतना उदास ?
बिखर गए जो
बस जायेंगे
करना होगा
तुम्हें प्रयास ......
ख़ुशी के पल
जब नहीं रहे ..तो…
दुःख के भी हट जायेंगे
मधुरिम यादें ..
कड़वी हुई ,......तो .....
मीठे भी हो जायेंगे ....
बीते पल के साए में
भविष्य अंकुरित होता है
अंकुरण की इसी
प्रक्रिया में
जीवन का सत्य छिपा होता है
सत्य को अपनाओगे
तभी सत्य को तुम पाओगे ......
आओ सत्य को पाने के लिए
करें हम प्रयास .....
अतीत की छाँह तले
वर्तमान को खिलखिलाने दें
सतरंगी सपने लिए भविष्य को गुनगुनाने दें ....
बेशक .......
बीते पल को याद रखें.... पर .....
वर्तमान को कभी हाथ से न जाने दें
हाथ से न जाने दें ......