माँ को समर्पित है मेरे दिल के कुछ उदगार ------
हरियाली उनकी आन थी
हरियाली उनकी शान थी
बहुत बड़ी हस्ती,,,,,,? तो नहीं थी पर,,,,,मेरी माँ ,,,,
एक सरल-सहृदया किसान थीं।
जिसकी ममता का भंडार कभी
खाली नहीं होता था,,,
उस ममत्व की कमी से --कभी-कभी लगता है ----
---- ये दुनिया वीरान ----
----- तेरे बिन -----
सूना हो गया मेरा मायका --मेरी माँ ---
तेरी जैसी माँ हर किसी के नसीब नहीं है
मेरे जैसी हर बिटिया खुशनसीब नहीं है
तेरे संग बिताये हर लम्हे को
अपनी बिटिया के संग जीती हूँ
बेटी नहीं अब माँ बन कर
दुःख-दर्दों को पीती हूँ ---
कभी-कभी खुद से कई सवाल करती --
तेरी मुनिया ---कैसी अजीबोगरीब है ये दुनिया ?
जिसके लिए पुल बनाओ वो खाई खोद देता है
जिसे सम्मान दो वो अपमान के गर्त में धकेल देता है
जिसका फायदा करवाओ वो नुकसान करवाता है-- वहीँ --
दूसरी ओर एक अजनवी बिना लाभ-हानि की परवाह किये
इतना मान-सम्मान दे जाता है कि आँखें भर आती हैं और
दिल गदगद हो जाता है ---
तेरी दी हुई हर शिक्षा मुझे मार्ग दिखलाता है.
हर पल जो ख़ुशी से जियें उसे कहते हैं--जी-वन-
इतना अच्छा जीवन देने के लिए माँ--तुम्हेँ--- बारम्बार नमन.....