
मौसम भी है बदल गया
योग्यतम की अतिजीविता
का शिकार माँ का लाल हो गया
स्वाइन फ्लू कहर बनकर
जिन की खुशियों पर छा गया
क्या होली क्या दिवाली
क्या मायने हैं शेष जीवन के
उनको ढांढस कौन बँधायेगा ?
तम से घिरे अमावस में अब
चाँद कहाँ से आएगा ?
मन्दसौर के २३ वर्षीय युवा इंजीनियर आशुतोष के असमय निधन पर अश्रुभरी श्रद्धांजलि ---भगवान उसकी आत्मा को शांति दे और उसके परिवार वालों को दुःख सहने की शक्ति ।
आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल मंगलवार (10-03-2015) को "सपना अधूरा ही रह जायेगा ?" {चर्चा अंक-1913} पर भी होगी।
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सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
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हार्दिक शुभकामनाओं के साथ...
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
धन्यवाद शास्त्री जी ..
Deleteबेहद दुखद
ReplyDeleteभावपूर्ण श्रद्धांजलि
बहुत दुखद...विनम्र श्रद्धांजलि
ReplyDeleteसादर श्रद्धांजलि
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